समीक्षा बैठक : ’प्रशासन की मानसून से पहले मुहिम, किसी भी तरह की आपदा से निपटने के पूरे इंतजाम करने के निर्देश’
Hemant Jaiswal Tue, May 13, 2025
झालावाड़। दक्षिण-पश्चिम मानसून 2025 के आगमन से पूर्व संभावित जलभराव एवं बाढ़ जैसी आपदाओं के दृष्टिगत जिले में आपदा राहत कार्यों की तत्परता की समीक्षा हेतु एक महत्वपूर्ण बैठक का आयोजन मंगलवार को मिनी सचिवालय के सभागार में किया गया। बैठक की अध्यक्षता जिला कलक्टर अजय सिंह राठौड़ ने की।
बैठक में आपदा प्रबंधन एवं सहायता विभाग, नागरिक सुरक्षा, नगर परिषद्, पुलिस, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य, जलदाय, विद्युत, कृषि, पशुपालन, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता, शिक्षा, जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी सहित अन्य संबंधित विभागों के अधिकारियों ने भाग लिया।
बैठक के दौरान मानसून के दौरान उत्पन्न हो सकने वाली प्राकृतिक आपदाओं के मद्देनजर जिला प्रशासन की तैयारियों की विस्तृत समीक्षा की गई। श्री राठौड़ ने निर्देश दिए कि जिले के समस्त विभाग समय रहते पूर्व तैयारियां सुनिश्चित करें और किसी भी स्थिति से निपटने के लिए मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) के अनुसार कार्य करें।
नालों की सफाई, बिजली व्यवस्था, पेयजल आपूर्ति सहित सभी बिंदुओं पर की गई समीक्षा-
बैठक में जिला कलक्टर ने नगर परिषद् को जल निकासी व्यवस्था, नालों की सफाई, कचरा प्रबंधन, जलभराव की आशंका वाले क्षेत्रों की पहचान कर तत्काल कार्यवाही करने को कहा गया। नगर परिषद् के अधिकारियों को मृत पशुओं के निस्तारण की व्यवस्था करने, साथ ही मड पंप की उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।
पर्याप्त खाद्यान्न की उपलब्धता, व्यापक पेजयल एवं विद्युत आपूर्ति के दिए निर्देश-
जिला कलक्टर ने रसद अधिकारी को उचित मूल्य की दुकानों पर निर्धारित गाइडलाइन के अनुरूप खाद्यान्न आरक्षित करने तथा अधिकतम खाद्यान्न को उठाव सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। साथ ही जलदाय विभाग को निर्देशित किया गया कि पेयजल आपूर्ति व्यवस्था को सुचारू बनाए रखें और बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में वैकल्पिक जल व्यवस्था और टैंकर की पूर्व योजना तैयार रखें। उन्होंने विद्युत विभाग के अधिकारियों को ढीले तारों को कसने, विद्युत खंभों की जांच करने और जरूरत हो तो बदलने के निर्देश दिए।
जलभराव, बाढ़, संक्रामक रोग: हर आपदा से निपटने की तैयारी पर मंथन-
उन्होंने स्वास्थ्य विभाग को आवश्यक दवाइयां, एम्बुलेंस, मेडिकल टीम व आपातकालीन सेवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। मौसमी बीमारियों और संक्रामक रोगों से निपटने के लिए पूर्व से चिकित्सा की योजना बनाई जाए।
जिला कलक्टर ने शिक्षा विभाग के अधिकारियों को किसी भी आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए सुरक्षित स्थान के रूप में भवनों के चिन्हीकरण के निर्देश दिए। नागरिक सुरक्षा व पुलिस विभाग को अलर्ट रहने और रेस्क्यू टीमों को प्रशिक्षित रखने का निर्देश दिया गया। साथ ही राहत कार्य हेतु नाव आदि संसाधनों की व्यवस्था के भी निर्देश दिए। पशुपालन विभाग को पशुओं के लिए चारे व आश्रयस्थलों की व्यवस्था करने के निर्देश दिए गए।
जिला कलक्टर ने कहा कि आपदा प्रबंधन एक सामूहिक उत्तरदायित्व है, जिसमें सभी विभागों को आपसी समन्वय के साथ कार्य करना होगा। उन्होंने समस्त उपखंड अधिकारियों को आदेशित किया कि वे अपने क्षेत्रों में आपदा राहत योजना की समीक्षा करें एवं ग्राम पंचायत स्तर तक तैयारियां सुनिश्चित करें।
बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि जिला स्तरीय नियंत्रण कक्ष (कन्ट्रोल रूम) की स्थापना की जाएगी जो 24ग्7 कार्य करेगा और आपात सूचनाओं का त्वरित संज्ञान लेगा।
इस दौरान अतिरिक्त जिला कलक्टर सत्यनारायण आमेटा, जिला परिषद् के मुख्य कार्यकारी अधिकारी शम्भूदयाल मीणा, उपखण्ड अधिकारी भवानीमण्डी श्रृद्धा गोमे, उपखण्ड अधिकारी झालावाड़ अभिषेक चारण सहित अन्य उपखण्डों के उपखण्ड अधिकारी, तहसीलदार सहित विभिन्न विभागों के जिला स्तरीय अधिकारीगण उपस्थित रहे।
विज्ञापन